जानें सर्दियों में मिलेट (Milet) खाना क्यों है जरुरी

आज हम आपको खान पान सम्बंधित अच्छी आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका ध्यान करके आप अपनी और अपने परिवार की सेहत का ख्याल बहुत अच्छे से रख सकते हैं । 

मिलेट छोटे बीज वाले अनाज हैं जो विभिन्न प्रकार की घासों से उत्पन्न होते हैं। ये पौष्टिक और मजबूत अनाज हैं जो मुख्यतः शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में उगाए जाते हैं।

जानें सर्दियों में मिलेट (Milet) खाना क्यों है जरुरी

मिलेट के प्रकार:

  1. पर्ल मिलेट (बाजरा) (Bajra)
  2. फिंगर मिलेट (रागी) (Ragi)
  3. फॉक्सटेल मिलेट (कंगनी) (Kangani)
  4. प्रोसो मिलेट (चीना)
  5. बार्नयार्ड मिलेट (जंगली चावल) (Barnyard Milet)

सर्दियों में मिलेट (बाजरा, रागी, ज्वार, आदि) खाना बहुत फायदेमंद होता है। इसके कई कारण हैं, जो स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं:

  1. ऊर्जा प्रदान करना: मिलेट्स में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर को गर्मी और ऊर्जा प्रदान करते हैं। सर्दियों में शरीर को अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, और मिलेट्स इसे आसानी से प्रदान करते हैं।
  2. हड्डियों और जोड़ों के लिए फायदेमंद: मिलेट्स में कैल्शियम, मैग्नीशियम, और फास्फोरस जैसे खनिज होते हैं, जो हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाते हैं। सर्दियों में जोड़ों में अकड़न और दर्द बढ़ सकता है, इसलिए मिलेट्स इन समस्याओं से राहत दे सकते हैं।
  3. इम्यून सिस्टम को बढ़ावा: मिलेट्स में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करते हैं। सर्दियों में संक्रमण और सर्दी-जुकाम का खतरा बढ़ता है, और मिलेट्स इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं।
  4. पाचन तंत्र के लिए लाभकारी: मिलेट्स फाइबर से भरपूर होते हैं, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं। सर्दियों में पाचन समस्याएँ आम हो सकती हैं, और मिलेट्स इन समस्याओं को कम करने में मदद करते हैं।
  5. तापमान को नियंत्रित करना: मिलेट्स शरीर के तापमान को स्थिर रखने में मदद करते हैं, जिससे सर्दियों में ठंड का असर कम होता है।
  6. वजन नियंत्रित करना: मिलेट्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे वे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इससे वजन बढ़ने की संभावना कम होती है और सर्दियों में वजन को नियंत्रित रखना आसान हो जाता है।

इन सभी कारणों से सर्दियों में मिलेट्स खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी हो सकता है।

मिलेट के पोषण लाभ:

  • उच्च प्रोटीन और फाइबर
  • आवश्यक अमीनो एसिड का अच्छा स्रोत
  • विटामिन और खनिज, विशेषकर बी-विटामिन, कैल्शियम, आयरन, और मैग्नीशियम से भरपूर
  • ग्लूटेन-फ्री, इसलिए सीलिएक रोग या ग्लूटेन संवेदनशीलता वाले लोगों के लिए उपयुक्त
  • एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर, जो पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं

अस्वस्थ भोजन और जंक फूड से होने वाली बीमारियाँ

अस्वस्थ भोजन और जंक फूड के सेवन से कई स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे:

  1. मोटापा: उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ वजन बढ़ाने और मोटापे का कारण बन सकते हैं।
  2. हृदय रोग: जंक फूड में मौजूद संतृप्त वसा, ट्रांस वसा और उच्च सोडियम हृदय रोगों का जोखिम बढ़ा सकते हैं।
  3. टाइप 2 मधुमेह: अत्यधिक चीनी और अस्वस्थ खाने की आदतें इंसुलिन प्रतिरोध और टाइप 2 मधुमेह का कारण बन सकती हैं।
  4. पाचन समस्याएँ: जंक फूड में फाइबर की कमी के कारण कब्ज और अन्य पाचन समस्याएँ हो सकती हैं।
  5. पोषण की कमी: जंक फूड पर निर्भरता से आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, जो समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित करती है।
  6. मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ: खराब आहार मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसे अवसाद और चिंता को बढ़ा सकता है।

आप जिस भी इलाके में रहते हैं वहां के पारम्परिक भोजन का जीवन में अधिक से अधिक प्रयोग करें । साबुत अनाजों और मिलेट्स , दालों का भोजन में प्रयोग करें।

चीनी गुड़ शक्कर शहद का प्रयोग हमेशा सीमित मात्रा में ही करें और जीवन में पैदल चलने साईकिलिंग और अन्य शारीरिक गतिविधियों और व्ययाम आदि को  हमेशा सक्रिय रखें ।

बाजार से खरीदे हुए पैकेट वाले  डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों में उन्हें संरक्षित करने के लिए रसायन मिले होते हैं इसीलिए उनका प्रयोग कम से कम करें ।

पीने का पानी रखने के लिए मिट्टी के घड़े का प्रयोग करें क्यूंकि इसमें पानी रखने से कैपिलरी प्रक्रिया की वजह से पानी में ऑक्सीजन घुल जाती है जिससे पानी का स्वाद बढ़ने के साथ साथ गुणकारी भी हो जाता है ।

घर में आये मेहमानों के लिए नीम्बू पानी शिकंजवी जलजीरा का उपयोग करें तथा  कोल्ड ड्रिंक का प्रयोग ना करें ।

हरी सब्जियों की खेती के लिए खुद की बगीची लगायें और अपने घर में स्वयं की उगाई रसायनरहित सब्जियों का उपयोग करें ।

अपने खेत पर या घर के आसपास फलदार पेड़ों को अवश्य लगायें ताकि हरेक सीजन में आपको ताजे फल मिल सकें ।

साल में एक बार अपने सभी टेस्ट जैसे शुगर ब्लड प्रेशर आदि को अवश्य कराएं एवं डॉक्टर की राय लें और उसकी सलाह को माने ।

अपने पेट को साफ़ रखें और किसी भी हालत में कब्ज ना होने दें क्यूंकि कब्ज से ही बहुत सारी बीमारियों की शुरुआत होती है।