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बी टी बीजों के प्रचलन के साथ ही कपास की फसल में एक नए कीड़े के प्रकोप की शुरुआत हुई है । इस कीट का नाम मिलीबग है । लोग इसे मिलीभगत,फुही व भस्मासुर आदि नामों से भी पुकारते हैं । देश के साथ साथ अपने हरियाणा में भी अभी से इस कीट को कपास की फसल के लिए एक बडे खतरे के रूप में देखा जाने लगा है । लेकिन यह कीट अपनी तीन निम्नलिखित कमजोरियों के कारण अपने शत्रुओं का आसानी से शिकार बनता है। :
(i) मादा का पंखविहीन होना,
(ii) कीट का बहुभक्षी होना
(iii) थैली में अंडे देना ।
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जिला जींद की कपास परिस्थितिक्तंत्र में इस कीट के शत्रुओं के रूप में एक परजीवी, तीन परजीव्याभ, तीस परभक्षी व तीन रोगाणु पाए गए हैं। राजपुरा, रूपगढ व निडाना के किसानों ने स्वयं अपनी आँखों से मिलीबग के इन शत्रुओं को कपास के पौधों व गैरफसली पौधों पर देखा है। इसका मतलब है अपने यहाँ एक मजबुत प्राकृतिक संतुलन का होना।