कपास सेधक कीट – सफ़ेद मक्खी
रस चोर सफ़ेद मक्खी का जिक्र चलते ही आज पत्ता नहीं क्यों 13 साल पहले 1986 में पढा हुआ यह नारा याद आ गया, “चिट्टे कबूतर ते नीले मोर, सारे चोर – सारे चोर |” यह नारा गुरमुखी में लकड़ी जला कर बनाए गये कोयले से बुडैल जेल की एक बैरक में सफ़ेद दिवार पर …