घुघु – एक प्राकृतिक कीटनाशी

घुघु के नाम व ठिकाने से सभी हरियाणा वासी भली-भांती परिचित हैं। यह कीड़ा खेत-खलियानों की सूखी व बारिक रेत में दिखाई देने वाले कीपनुमा गड्डों की तली में मिट्टी के नीचे छुप कर रहता है। इन गड्डों में चींटियाँ डालकर उनका शिकार होते देख कर खूब मजे करते थे बचपन में। क्या आया याद …

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इनो एक परपेटिया कीटनाशी

कीट नियंत्रण के नाम पर आज बाज़ार में जितने ब्राण्ड के जहरीले कीटनाशी उपलब्ध हैं, उनसे कहीं ज्यादा किस्म के कीटनाशी कीट हमारी फसलों में मौजूद हैं। इन्हीं कीटनाशी कीटों में एक यह है- इनो। निडाना व ललित खेड़ा के किसान इसी नाम से जानते हैं। इनो अपने बच्चे सफ़ेद मक्खी के शिशुओं के पेट …

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शाकाहारी गुबरैला

यू हरे धातुई रंग का भूंड जो बाजरे की सिर्टियों पर बैठा दूर तै एँ नजर आया करै। यू चर्वक किस्म का एक शाकाहारी गुबरैला सै। अंग्रेजी में इस कीड़े को Rose chafer के रूप में जाना जाता है। कीट विज्ञानियों की दुनिया में इसे Cetonia aurata नाम से पुकारा व लिखा जाता है। इस …

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श्यामो परजीव्याभ संभिरका

श्यामो एक परजीव्याभ संभिरका है जो अपने बच्चे पराये पेट पलवाती हैं। एकांकी जीवन जीने वाली इन संभिरकाओं के शारीर का रंग काला होता है पर इनकी झिलीदार पंखें नीली धात मारती हैं। इनके शारीर की लम्बाई लगभग 2-3 सै.मी. होती है। इनका वंशक्रम Hymenoptera व् कुणबा Scoliidae है। प्रौढ़ लीलो आमतौर पर फूलों पर …

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प्राकृतिक कीटनाशी – डायन मक्खी

जिला जींद के फसलतंत्र में किसान मित्र के रूप में डायन मक्खी भी पाई जाती हैं | जी, हाँ! , राजपुरा ईगराह रूपगढ, निडाना व ललित खेडा के किसान तो इसे इसी नाम से जानते हैं जबकि अंग्रेज इसे Robber Fly कहते हैं | नामकरण की द्विपदी प्रणाली के अनुसार यह डायन मक्खी, Dipterans के …

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प्राकृतिक कीटनाशी – दीदड़ बुगडा

बड़ी – बड़ी आँखों वाला यह छोटा सा किसान हिमायती कीट जिला जींद में भी पाया जाता है। सिर के दोनों ओर बाहर तरफ की उभरी हुई बड़ी-बड़ी आखों के कारण ही इसे यहाँ के किसान दीदड़ बुगड़ा कहते हैं। माँ की दुधी के साथ अंग्रेजी घोट कर पीये हुए लोग, इसे Big Eyed Bug …

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कपास सेधक कीट – सफ़ेद मक्खी

रस चोर सफ़ेद मक्खी का जिक्र चलते ही आज पत्ता नहीं क्यों 13 साल पहले 1986 में पढा हुआ यह नारा याद आ गया, “चिट्टे कबूतर ते नीले मोर, सारे चोर – सारे चोर |” यह नारा गुरमुखी में लकड़ी जला कर बनाए गये कोयले से बुडैल जेल की एक बैरक में सफ़ेद दिवार पर …

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कपास में रस चुसक : अष्टपदी

अष्टपदी या मकडिय-जूं, जिला जींद की कपास फसल में रस चूस कर हानि पहुँचाते पाया जाने लगा है। इस जीव की आठ टाँगे होती हैं इसीलिए तो इसे कीट नही कहा जाता। हाँ! वैज्ञानिकों की दुनिया में इस जीव को “Tetranychus sp.” कहा जाता है। ये अष्टपदियाँ Tetranychidae नामक घुन परिवार से सम्बंधित हैं | …

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